IBPS PO Exam 2025 का पैटर्न बदल गया! इतने बड़े बदलाव जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे

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IBPS PO Exam 2025: आईबीपीएस पीओ का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है और इस बार इसमें कई बदलाव देखने को मिले हैं। सिलेबस में छोटे स्तर के परिवर्तन हुए हैं, लेकिन परीक्षा पैटर्न में हुए बदलाव काफी बड़े हैं। यह स्थिति उम्मीद से परे है, क्योंकि किसी को इस तरह के संशोधनों की अपेक्षा नहीं थी।

वर्ष 2025 अब तक अप्रत्याशित घटनाओं से भरा प्रतीत हो रहा है। इसी क्रम में, इस सेशन में बदले हुए परीक्षा पैटर्न और सिलेबस पर विस्तार से चर्चा की जा रही है।

प्रीलिम्स परीक्षा पैटर्न में हुए परिवर्तन

प्रीलिम्स के प्रश्नों की संख्या पहले जैसी ही है, लेकिन अंकों का वितरण बदल गया है। अंग्रेज़ी में पहले की तरह 30 प्रश्न और 30 अंक ही रहेंगे। रीजनिंग सेक्शन में 35 प्रश्न होंगे, जिनके अब 40 अंक होंगे।

वहीं क्वांट्स में 35 प्रश्न रहेंगे, लेकिन उनके अंक घटकर 30 हो गए हैं। सेक्शनल टाइमिंग पहले जैसी ही है। इस बदलाव का मतलब यह है कि कुछ अंकों को रीजनिंग सेक्शन में जोड़ दिया गया है।

मेन्स परीक्षा के नए स्वरूप

मेन्स परीक्षा में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। पहले रीजनिंग सेक्शन में 45 प्रश्न होते थे, लेकिन अब यह घटकर 40 प्रश्न हो गए हैं, जिनके 60 अंक होंगे। जीए सेक्शन में 35 प्रश्न होंगे और यह 50 अंकों का होगा। अंग्रेज़ी सेक्शन के 35 प्रश्न 40 अंक के रहेंगे। वहीं, डेटा इंटरप्रिटेशन और क्वांट्स के 35 प्रश्न 50 अंक के होंगे। प्रत्येक सेक्शन के लिए समय सीमा तय रहेगी।

डिस्क्रिप्टिव सेक्शन में भी संशोधन किया गया है। पहले जहां एक पत्र और एक निबंध पूछा जाता था, अब वहां एस्से और कॉम्प्रिहेंशन पर जोर दिया गया है। नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि विषय मुख्य रूप से आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर आधारित होंगे।

सिलेबस में नई आवश्यकताएं

जीए सेक्शन में अब आरबीआई के करिकुलर्स भी जोड़े गए हैं। इसका अर्थ है कि छात्रों को अब करंट अफेयर्स के साथ-साथ आरबीआई से जुड़े सर्कुलर्स पर भी ध्यान देना होगा। यह बदलाव यह संकेत देता है कि बैंकिंग, तकनीक और नीतियों से जुड़े प्रश्नों पर अधिक फोकस किया जाएगा।

विषयवार तैयारी का दृष्टिकोण

रीजनिंग सेक्शन में कई महत्वपूर्ण टॉपिक्स हैं, जिनसे 15-20 प्रश्न आ सकते हैं। मैथ्स को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है—स्पीड मैथ्स, अरिथमैटिक और डीआई। इन सभी क्षेत्रों में मजबूत पकड़ बनाना आवश्यक है।

अंग्रेज़ी में वोकैबुलरी, ग्रामर और रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन पर समान रूप से काम करना होगा। पैसेज, पैराजंबल, क्लोज़ टेस्ट और सेंटेंस रिअरेंजमेंट जैसे प्रश्न नियमित रूप से पूछे जाते हैं।

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